देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य सुरक्षित है। भारत इलेक्ट्रिक विकल्प की साइलेंट रिवॉल्यूशन Silent revolution लाने का काम कर रहा है।
इन वाहनों के चार्जिंग की जरूरतों को पूरा करने के लिए Infrastructure (इन्फ्रास्ट्रक्चर-अवसंरचना) को बढ़ाने का काम तेजी से किया जा रहा है।
Prime Minister नरेंद्र मोदी Suzuki Motor Company के एक प्रोग्राम में शामिल होने पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि अब इलेक्ट्रिक वाहन Extra यानि अतिरिक्त वाहन नहीं रह गया है, अब यह Prime मुख्य वाहन के रूप में देखा जाने लगा है।
इन वाहनों का लोग सामानों को एक जगह से दूसरी जगह यानी ट्रांसपोर्टर के रूप में भी उपयोग कर रहे हैं। इंडिया में इलेक्ट्रिक वाहन का पूरा Ecosytem इकोसिस्टम विकसित किया जा रहा है। पीएम ने स्पष्ट किया कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का फ्यूचर सुरक्षित है।
किस तरह Electric Vehicles इंडिया में क्रांति ला रहा है प्रधानमंत्री ने ऐसे समझाया
उन्होंने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहन का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि भारत साइलेंट क्रांति आ जाएगी। यह बीते 8 सालों में इस बदलाव के लिए जमीन तैयार की जा रही थी, भारत में इलेक्ट्रिकल सेक्टर में काफी मजबूती आई है।
सरकार ने इलेक्ट्रिकल वेहिकल्स को खरीदने के लिए लोन प्रोसेस को सिंपल बना दिया है। इनकम टैक्स में छूट दी जा रही है और खरीददार सब्सिडी का फायदा उठा रहे हैं। भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल की सप्लाई डिमांड और इको सिस्टम को काफी Strong बनाया जा रहा है।
EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को दिया जा रहा बढ़ावा
उन्होंने कहा कि Battery Swapping को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसलिए सरकार ने कई नीतिगत फैसले लिए हैं। साल 2022 के बजट में बैटरी स्वॉपिंग नीति बनाई गई। उन्होंने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का भविष्य सुरक्षित है और आने वाले समय में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकता है.इस बात से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत के आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य (future of electric vehicles in india) काफी सुरक्षित रहने वाला है।
2030 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का भविष्य
इंडिया ऑटोमोबाइल उद्योग में 5 वें स्थान पर है। यह दुनिया में तीसरे स्थान पर सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं है। अब कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने की आवश्यकता बढ़ी है और अन्य जरूरतों ने इसे आगे भी बढ़ाया है।
अभी साल 2030 तक 100% इलेक्ट्रिक वाहन नहीं हो पाएगा, बावजूद 2030 तक लगभग 40 से 50 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वेहिकल्स जरूर कब्जा जमा लेंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों का एक बड़ा जोर भारत में सार्वजनिक परिवहन की आवश्यकताओं, फ्लीट कारों ,ई -बसें और 2-3 पाहूया वाहनों का रहेगा। कुल मिलाकर अभी व्यक्तिगत तौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों का विकल्प अपेक्षाकृत छोटा सीमित है।
अगर हम इलेक्ट्रिक व्हीकल के भविष्य को लेकर चर्चा कर रहे हैं तो हम सरकार के योजनाओं Goverment Plannig को भी समझना होगा। आगे हम सरकार के NEMMP- 2020 के प्लान की चर्चा करेंगे।
क्या है सरकार का NEMMP - 2020
नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान 2020 की रिपोर्ट बताती है कि:-
👉2020 तक देश में कुल 50 से 70 लाख इलेक्ट्रिक वाहन लगाने का लक्ष्य निर्धारित
👉 उद्योग व शिक्षा के बीच सरकार प्रोत्साहन और समन्वय स्थापित करने की सफलता
👉2020 तक 4 लाख यात्री बैटरी, इलेक्ट्रिक कारों BEV का लक्ष्य और 120 मिलियन बैरल तेल और 4 मिलियन तन CO 2 से बचना
👉वाहनों के उत्सर्जन में 1.3 प्रतिशत की कमी लाना
👈कुल निवेश की आवश्यकता 20000 से 23000 करोड़ रूपये (यानी लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर)
सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वेहिकल्स Uttar Pradesh में
उत्तरा प्रदेश में सबसे अधिक Electric Vehicles हैं और यहां चार्जिंग प्रॉब्लम भी अधिक है। वैसे केंद्र सर्कार के एक आकड़े प् गौर करें तो जहां पूरे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 1334385 है जबकि 337180 उत्तर प्रदेश में ही सड़कों पर दौड़ रहे हैं जो देश में प्रथम स्थान पर है।
यहां कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों के आंकड़े देखें :-
उत्तर प्रदेश 337180
दूसरा स्थान दिल्ली 156393
तीसरा स्थान कर्नाटक 120000
चौथा स्थान महाराष्ट्र 116645
पांचवा स्थान बिहार 83333
इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। भारी उद्योग मंत्रालय के अधिकारी की मानें तो देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और उसी तरह से चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की मंजूरी दी जा चुकी है। अभी तक ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहन शहरों में चलने के लिए ही बिक रहे हैं, लेकिन भविष्य में यह वाहन पूरे देश में राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के रास्ते अलग-अलग स्थानों पर भी बगैर रुकावट के लंबी दूरी तक दौड़ेंगे।
1 जुलाई 2022 तक 2877 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों की मंजूरी मिली थी, भारी उद्योग मंत्रालय के मुताबिक पहली जुलाई 2022 तक पूरे देश में 2877 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की मंजूरी दी गई थी। 1 जुलाई को 50 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन काम करने लगे थे।
उस समय मंजूरी दिए गए आंकड़ों के अनुसार :-
महाराष्ट्र 317
मध्य प्रदेश 235
तमिलनाडु 281
पश्चिम बंगाल 141
गुजरात 278
आंध्र प्रदेश 266
कर्नाटक 172
उत्तर प्रदेश 207
केरल 211
इस प्रकार सरकार लगातार चार्जिंग प्वाइंट खोलने की मंजूरी देने में जुटी हुई है । सबसे ज्यादा चार्जिंग स्टेशन दिल्ली- लखनऊ एक्सप्रेसवे पर है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन सबसे अधिक चिंता का विषय होता है। आंकड़ों के मुताबिक 150 से अधिक चार्जिंग स्टेशन से एक्सप्रेस वे पर खुलने जा रहे हैं, इनमें सबसे अधिक दिल्ली लखनऊ एक्सप्रेस पर खुल चुके है।
दिल्ली से आगरा एक्सप्रेस 20 चार्जिंग स्टेशन
आगरा से लखनऊ के बीच 40
बड़ोदरा अमदाबाद के बीच 10
सूरत से मुंबई के बीच 30
बेंगलुरु मैसूर के बीच 14
बेंगलुरु से चेन्नई के लिए 30
चार्जिंग स्टेशन खोलने को लेकर मंजूरी दी गयी है। यह सब फेम इंडिया स्किम के तहत है।
चार्जिंग स्टेशन को लेकर क्या है फेम इंडिया स्कीम ?
दरअसल यह केंद्र सरकार की स्कीम है। जो इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इस योजना का पूरा नाम faster adoptions and manufactring of hybrid electric vehicles in india (फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल इन इंडिया) है।
फेम इंडिया स्कीम 2022 के बारे में जानें
फेम इंडिया स्कीम 2022 पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों पर नियंत्रण कर इलेक्ट्रॉनिक मोबिलिटी को बढ़ावा देती है, इसके अंतर्गत देश के सभी राज्यों में चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। भारी उद्योग मंत्रालय ने 520 EV इलेक्ट्रिक वाहन व 479 चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर चुकी है।
चंडीगढ़ 48
दिल्ली 94
कर्नाटक 65
राजस्थान 49
भारत सरकार दूसरे चरण की इसकी शुरुआत कर दी है। 660 इलेक्ट्रिक बसों एवं 241 चार्जिंग स्टेशन तैयार करने की मंजूरी दे दी गई है इसकी अधिकारिक वेबसाइट fam2heavyindustry.gov.in है।
हम अगले भाग में बताएंगे कि आप अगर चार्जिंग स्टेशन खोलने चाहते हैं तो किस तरह से फेम इंडिया स्कीम-2020 का लाभ उठा सकते हैं क्योंकि अब 2023 शुरू हो गया है। इसके बारे में पात्रता से लेकर महत्वपूर्ण दस्तावेज क्या-क्या होंगे, संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
FAQ :-
👉क्या हमें इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहिए ?
इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन के खरीदने से कई फायदें हैं। ये पेट्रोल और डीजल वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहन प्रदूषण भी बहुत कम फैलाते हैं। मतलब इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रदूषण न के बराबर होता है। इस वाहन से वातावरण को बेहतर बनाया जा सकता है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना सिर्फ खुद के लिए के लिए ही नहीं बल्कि वातावरण के लिहाज से भी काफी लाभदायक हो सकता है।
👉बैटरी वाली गाड़ी कितने किलोमीटर चल सकती है?
इलेक्ट्रिक वाहन की अधिकतम स्पीड 60 किमी/घंटा है और ये 120 किलोमीटर तक जाने में सक्षम है। क्योंकि इसमें आपको 2.5kWh की बैटरी मिलती है।
👉देश में कुल कितने प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन हैं ?
इस समय एक सरकारी आकड़ा के अनुसार देश में चलने वाले कुल इलेक्ट्रिक वाहन का 64.3 प्रतिशत तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहन है और शेष 35.7 प्रतिशत में दोपहिया, चार पहिया और माल वाहक वाहन शामिल हैं।
👉भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्यों जरूरी है?
दोपहिया के मामले में तेजी से इलेक्ट्रिक वेहिकल्स की ओर कदम बढ़ने से पेट्रोल पर निर्भरता काम होगी , जिससे इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। जिससे निश्चित तौर पर आयात पर निर्भरता एवं उत्सर्जन भी कम होगा। इस सेगमेंट में ज्यादा EV के होने से उपभोक्ता का खर्च में कमी आएगी और साथ ही पर्यावरण एवं वायु की गुणवत्ता पर भी उल्लेखनीय सकारात्मक प्रभाव पड़ना तय है ।
👉 भारत में इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी लाइफ कितनी होती है ?
वैसे कार की बैटरी की औसत लाइफ 3 से 5 साल की होती है, लेकिन अगर आप गलत तरीके से ड्राइविंग स्टाइल के साथ-साथ कार का उपयोग करते हैं तो बैटरी के लाइफ पर फर्क पड़ सकता है।
👉आखिर इलेक्ट्रिक कारें इतनी महंगी क्यों हैं..?
इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि नई तकनीक होने के कारण इसके रिसर्च और डेवलपमेंट के पीछे होने वाला खर्च अधिक बताया जाता है। इस वजह से कारों में इस्तेमाल होने वाली बैटरी और मोटर की कीमत इन कारों को बहुत ज्यादा महंगा बना देती है।
👉बैटरी काम करना बंद कर दे तो क्या करें ?
पहले तो आम तौर पर प्रचलित उपाय यह है कि धक्का लगाइये, और प्रायः गाड़ी स्टार्ट हो ही जाती है। इसके साथ ही एक चाय बनाने वाली बड़ी केतली में पानी गरम कीजिये - खौलने दीजिये। इस गरम पानी को धीरे-धीरे बैटरी पर डालिए और तत्काल गरमी मिलने पर कभी-कभी इतना चार्ज जमा हो जाता है कि गाड़ी स्टार्ट हो जाती है।
👉सबसे सस्ता इलेक्ट्रिक वाहन कौन सा है?
Tata Tigor EV है इसकी कीमत 12.49 लाख रुपये से शुरू है। Tigor EV सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार है, जिसे आप वर्तमान में भारत में खरीद सकते हैं।
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