यूपी में इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने निवेशकों को कई तरह के प्रोत्साहन और सब्सिडी देने का निर्णय लिया है।
लखनऊ। यूपी में इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने निवेशकों को कई तरह के प्रोत्साहन और सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। खासतौर पर उन निवेशकों को और अधिक प्रोत्साहित किया जाएगा, जो कर्मचारियों के कौशल विकास को महत्व प्राथमिकता देंगे ।
एक अधिकारी बुधवार को बताया कि इसके लिए ईवी मैन्युफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी पॉलिसी में प्राविधान किया गया है। इस पॉलिसी के तहत संबंधित नियमावली में कौशल विकास के लिए वित्तीय प्रोत्साहन के बारे में स्पष्ट उल्लेख किया गया है। इसके मुताबिक यूपी में ईवी मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करने वाली कंपनियों को कौशल विकास सब्सिडी दी जाएगी। यही नहीं, वर्ष विशेष में कर्मियों को ट्रेनिंग देने के लिए अलग से वित्तीय सुविधाएं प्रदान किया जाएगा।
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में प्रदेश में निवेश करने वाली कंपनियों से अपील की थी कि वो प्रदेश में इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ युवाओं के कौशल विकास का भी अवश्य प्रयास करें, ताकि आने वाले समय में एक कुशल मैनपावर का सृजन किया जा सके। इसके लिए उन्होंने सरकार की ओर से हर संभव मदद देने का भी भरोसा दिया था।
सूत्रों के अनुसार ईवी पॉलिसी में कौशल विकास सब्सिडी का उल्लेख किया जा चूका है। इसके अनुसार सभी परिभाषित विनिर्माण परियोजनाओं के लिए स्टाइपेंड की प्रतिपूर्ति के रूप में अधिकतम 50 कर्मचारियों को प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 5000 रुपए की दर से एक बार सब्सिडी प्रदान होगा । इसी प्राविधान के तहत वर्ष विशेष में अधिकतम 10 कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए भी सब्सिडी का भुगतान होना तय है।
खबर है कि यह प्रोत्साहन लाभ केवल उन कर्मचारियों पर लागू होगा जो प्रशिक्षण कार्यक्रम में सम्मिलित होने से पूर्व 12 माह की अवधि के लिए आवेदन करने वाली विनिर्माण इकाई में कार्यरत होंगे । सब्सिडी के लिये अनुमन्य होने के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय कौशल विकास निगम या उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन या किसी केंद्रीय/राज्य विश्वविद्यालय/महाविद्यालय या आईटीआई/पॉलीटेक्निक द्वारा प्रमाणित होना भी जरूरी है।
ईवी पॉलिसी में किए गए प्राविधान के अनुसार सभी प्रोत्साहन लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने के बाद ही प्रदान कर दिए जाएंगे।
विनिर्माण परियोजनाओं के लिए समस्त वित्तीय प्रोत्साहनों का योग स्थाई पूंजी निवेश के 100 प्रतिशत से अधिक नहीं होना जरूरी है । इस नीति के तहत 'प्रथम आगत-प्रथम पावत' (फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व) का आधार उन परियोजनाओं के लिए निर्धारित होगा , जिसके अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रोत्साहन के लिए लेटर ऑफ कंफर्ट प्रदान किया जा रहा हो।
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर ईवी मैन्युफैक्चरिंग में इन्वेस्ट करने हेतु एमओयू हुआ है। ईवी मैन्यफैक्चरिंग में देश ही नहीं बल्कि विदेशी कंपनियां भी उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आना चाहती हैं। इनमें सबसे बड़ा निवेश हांगकांग की कंपनी टाऊशेन इंटरनेशनल लि. की है जो टाऊशेन ग्रुप ऑफ कंपनीज का एक अंग है।
इस एक कंपनी ने ईवी मैन्युफैक्चरिंग के अलावा कई अन्य सेक्टर्स में 1.90 लाख करोड़ के निवेश का एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इसी तरह आरजी स्ट्रेटजीज ग्रुप और कॉसिस ग्रुप ने भी ईवी सेक्टर में बड़े निवेश के करार किए हैं। इनके अलावा कई अन्य कंपनियां प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की तैयारी शुरू हैं।
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