EV के लिए खरीदने जा रहे हैं तो इंश्योरेंस को लेकर इन बातों का रखें विशेष ध्यान, क्लेम के समय नहीं आएगा कोई प्रॉब्लम |
👉इलेक्ट्रिक वाहन इंश्योरेंस लेते समय ध्यान रखने योग्य जरुरी बातें
नई दिल्ली । भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों खरीदने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। इलेक्ट्रिक गाड़ियां (Electric Vehicle) पर्यावरण के लिए नुकसानदायक न होने के साथ-साथ कार खरीदने वाले के लिए भी काफी किफायती साबित हो रहा है। हालांकि, इन कारों का प्राइज पेट्रोल-डीजल की अपेक्षा अधिक होती है।
Electric Vehicle खरीदते समय Insurance लेना अनिवार्य हो चुका है। पेट्रोल-डीजल वाहनों से अधिक कीमत और कई प्रकार के महंगे इलेक्ट्रिक पार्ट्स के उपयोग होने के कारण ईवी इंश्योरेंस लेते समय आप को कुछ बातोंं का विशेष ध्यान देना पड़ेगा जो हम इस लेख में विस्तार से बताने की कोशिश कर रहे हैं।
इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बैटरी और कई महंगे इलेक्ट्रिक पार्ट्स का प्रयोग किया जाता है, इस वजह से इंश्योरेंस लेते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए आगे जानते हैं डिटेल।
इलेक्ट्रिक कार इंश्योरेंस लेते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है ?
1 - कवरेज
इलेक्ट्रिक वाहन का मूल्य पेट्रोल-डीजल कारों की अपेक्षा अधिक होता है। इस कारण आपको इंश्योरेंस लेते समय इस बात पर फोकस करना चाहिए कि इंश्योरेंस में आ रही IDV आपके गाड़ी की मौजूदा कीमत के बराबर की हो। दरअसल , IDV वह राशि होती है, जिस आधार पर इंश्योरेंस कंपनी क्लेम (दावा) का भुगतान करती है।
2 - गाड़ी के इलेक्ट्रिक पार्ट्स के ऐड ऑन लें
ईवी में पेट्रोल या डीजल कार की अपेक्षा कई महंगे इलेक्ट्रिक पार्ट्स जैसे बैटरी पैक, पावर सप्लाई यूनिट और मैकेनिकल सिस्टम लगे होते हैं, जिन्हें इंश्योरेंस में भी कवर होना चाहिए। इंश्योरेंस लेते समय इन सभी महंगे पार्ट्स के लिए ऐड ऑन लेना कभी न भूलें।
3 - जीरी डेप्रिसिएशन कवर लें
जीरी डेप्रिसिएशन कवर किसी भी कार के लिए लेना जरूरी होता है। सामान्य इंश्योरेंस कवर में कंपनियां साल दर साल गाड़ी की आयु के हिसाब से डेप्रिसिएशन लगाती हैं, इस कारण आपकी क्लेम की राशि कम हो जाती है। वहीं, अगर आप जीरी डेप्रिसिएशन कवर लेते है तो बिना किसी कटौती केआपको पूरा क्लेम मिलता है।
4 - क्लेम सेटलमेंट रेश्यो
किसी भी कंपनी से वाहन खरीदते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो कैसा है और अधिक क्लेम सेटलमेंट रेश्यो वाली कंपनी से ही इंश्योरेंस लेना चाहिए।ताकि बाद में कोई परेशानी न होने पाए।
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